वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-भाजपा ने उत्तर प्रदेश की नई टीम में सभी प्रमुख जातियों को जगह देकर प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने की रणनीति बनाई है। पार्टी मिशन 2024 पर फोकस कर रही है। हालांकि, नई टीम में मुस्लिम समाज के एक भी प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया है।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव में मिशन 80 का लक्ष्य पाने के लिए नई टीम में अगड़े, पिछड़े और दलित वर्ग के परंपरागत वोट बैंक से जुड़ी सभी जातियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। प्रदेश टीम में सभी वर्गों को न सिर्फ संतुष्ट करने की कोशिश की गई है, बल्कि समसामयिक घटनाओं को ध्यान में रखते हुए पिछड़ी जातियों को साधने का प्रयास भी किया गया है। हालांकि इस बार भी मुस्लिम समाज से किसी भी प्रतिनिधि को जगह नहीं मिली है।
लखनऊ से दिल्ली तक करीब दो माह की मशक्कत के बाद नई टीम में एक-एक सदस्य की तैनाती आगामी लोकसभा चुनाव का लक्ष्य पाने के लिए जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर की गई है। अगड़ी जातियों में सबसे अधिक दस ब्राह्मणों को टीम में शामिल किया गया है। क्षत्रिय समाज से सात नेताओं को पदाधिकारी बनाया गया है।
वैश्य समाज से 4, खत्री, भूमिहार, त्यागी और कायस्थ समाज से भी एक-एक नेता को टीम में शामिल किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित 13 पिछड़े वर्ग के नेता टीम में शामिल हैं। पार्टी ने अपने परंपरागत सैनी, गुर्जर, जाट, सैंथवार, मौर्य, कुर्मी, लोधी, लोनिया चौहान वर्गों को भी प्रतिनिधित्व दिया है। अनुसूचित जाति से नौ नेताओं को प्रतिनिधित्व देकर पासी, कोरी, जाटव, सोनकर व धोबी समाज को साधने की कोशिश की है।
क्षेत्रीय अध्यक्षों से भी समीकरण साधने की कोशिश
छह नए क्षेत्रीय अध्यक्षों की नियुक्ति में भी जातीय समीकरण साधने की कोशिश की गई है। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश पाल को कानपुर बुंदेलखंड का क्षेत्रीय अध्यक्ष नियुक्त कर पाल गड़रिया वोट बैंक पर मजबूत पकड़ बनाने की कोशिश की गई है। उमेशपाल हत्याकांड के बाद से पाल समाज में असंतोष है। काशी क्षेत्र में अपना दल (एस) के कुर्मी समाज में बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर भाजपा ने दिलीप पटेल को काशी क्षेत्र की कमान सौंपी है। भूमिहार समाज को ध्यान में रखते हुए गोरखपुर क्षेत्र में सहजानंद राय को क्षेत्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है। अवध में पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष शेष नारायण मिश्रा के निधन के बाद से क्षेत्रीय अध्यक्ष का पद खाली था। अवध में ब्राह्मण समाज को साधने के लिए कमलेश मिश्रा को क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। ब्रज क्षेत्र में शाक्य, सैनी, मौर्य, कुशवाहा समाज वोट बैंक के प्रभाव के मद्देनजर द्रुवविजय सिंह शाक्य को क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। पश्चिम में ठाकुर समाज के सत्येंद्र सिसोदिया को कमान सौंपकर क्षत्रियों को साधने की कोशिश की गई है।
आधी आबाधी को चौथाई हिस्सेदारी
प्रदेश टीम में 11 महिलाओं को भी जगह मिली है। पुरानी टीम की सभी महिला पदाधिकारियों को नई टीम में जगह मिली है।
अवध का दबदबा
नई टीम में अवध का दबदबा रहा है। टीम में अवध क्षेत्र के दस नेताओं को जगह मिली है। इसके बाद पश्चिम से सर्वाधिक नौ कार्यकर्ताओं को टीम में शामिल किया गया है। ब्रज क्षेत्र से आठ, काशी क्षेत्र से सात, गोरखपुर से छह और कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र से पांच सदस्यों को शामिल किया गया है।